
देवास। जिला देवास की तहसील हाटपीपल्या निवासी 78 वर्षीय वृद्ध भंवरबाई एवं उनके मानसिक रूप से अस्वस्थ पति सुरजसिंह राजावत ने गंभीर आरोप लगाते हुए जिलाधीश देवास को आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने अपने ही पुत्र व पोते पर छलपूर्वक भूमि हड़पने और पटवारी पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।
वृद्धा भंवरबाई का कहना है कि उनके पति सुरजसिंह, जो कि पूर्व में कोऑपरेटिव बैंक से सेवानिवृत्त हुए हैं, वर्ष 2020 से मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। इस कमजोरी का फायदा उठाकर उनके पौत्र विजयसिंह व अजयसिंह (पुत्र चेतनसिंह राजावत) ने दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को धोखाधड़ी से विक्रय एवं दान-पत्र निष्पादित करवा लिए। भंवरबाई के अनुसार, उक्त दस्तावेज़ों के आधार पर बिना उनकी जानकारी के पटवारी दिनेश कारपेंटर द्वारा तेजी से राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण करवा दिया गया, और फिर दिनांक 24 दिसंबर 2024 को अजयसिंह के पक्ष में विक्रय पत्र दर्ज करवा दिया गया। जब इस धोखाधड़ी की जानकारी प्रार्थिनी को हुई, तो उन्होंने 2 जनवरी 2025 को एक सार्वजनिक सूचना समाचार पत्र में प्रकाशित करवाई और साथ ही नायब तहसीलदार हाटपिपल्या, जिला उप-पंजीयक कार्यालय देवास में शिकायत प्रस्तुत की। इस संबंध में दीवानी न्यायालय बागली में दिनांक 21 जनवरी 2025 को प्रकरण क्रमांक 6ए/2025 दायर किया गया, जिसमें न्यायालय द्वारा 19 जून 2025 तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया गया। परंतु, इसके बावजूद आरोप है कि 2 जून 2025 को अजयसिंह ने ट्रैक्टर से जमीन जोतने का प्रयास किया और जब वृद्धा ने अपने छोटे पुत्र आनन्दसिंह के साथ विरोध किया, तो उन्हें वहां से भगा दिया गया। मामले की रिपोर्ट थाना हाटपिपल्या में की गई, परंतु उसी रात भूमि को जोत दिया गया।
प्रार्थिनी ने आरोप लगाया कि पटवारी द्वारा अजयसिंह को सहयोग करते हुए 6 जून 2025 को पक्षपातपूर्ण कब्जा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। इस पूरे प्रकरण में प्रार्थिनी भंवरबाई ने जिलाधीश से मांग की है कि संबंधित पटवारी को तत्काल हटाया जाए और उसके विरुद्ध उचित विभागीय कार्रवाई की जाए, ताकि वृद्ध और न्याय की आस लगाए व्यक्ति के साथ न्याय हो सके।